
चमोली पहुंचे सीएम धामी
चमोली। उत्तराखंड के चमोली जिले में आई आपदा के तीसरे दिन भी राहत और बचाव कार्य लगातार जारी हैं। नंदानगर क्षेत्र में मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय लोग मिलकर युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। इस बीच, हालातों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रविवार को चमोली पहुंचे और आपदा प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया।
कुरुड़ हेलीपैड पर अधिकारियों से ली जानकारी
सीएम धामी सबसे पहले कुरुड़ हेलीपैड पर पहुंचे, जहां जिलाधिकारी चमोली ने उन्हें आपदा से जुड़ी ताजा स्थिति की जानकारी दी। इसके बाद मुख्यमंत्री सीधे नंदानगर आपदा प्रभावित क्षेत्रों की ओर रवाना हुए। वहां उन्होंने ग्राउंड पर चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का अपडेट लिया और राहत कार्यों की प्रगति की जानकारी हासिल की।
प्रभावितों से मुलाकात और भरोसा
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने आपदा से प्रभावित परिवारों से भी मुलाकात की। उन्होंने पीड़ितों को ढांढस बंधाया और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर हाल में आपदा प्रभावित लोगों के साथ खड़ी है और उनकी सुरक्षा तथा पुनर्वास के लिए पूरी ताकत से काम कर रही है।
अब तक का रेस्क्यू ऑपरेशन
जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार, इस आपदा में अब तक 7 शव मलबे से निकाले जा चुके हैं। दो लोगों को जीवित बाहर निकालने में सफलता मिली है। हालांकि, अभी भी कुछ लोग लापता हैं, जिनकी तलाश लगातार जारी है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, फायर सर्विस और स्थानीय प्रशासन की टीम कुंतरी लगा फाली और धुर्मा गांवों में गहन सर्च अभियान चला रही है।
आपदा में भारी नुकसान
17 सितंबर की रात हुई अतिवृष्टि से नंदानगर क्षेत्र के कुंतरी और धुर्मा गांवों में भारी तबाही हुई। प्रशासन के मुताबिक, यहां 27 से 30 मकान और गौशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। कई परिवारों को अस्थायी आश्रयों में शिफ्ट किया गया है। गांवों में सड़कें टूटने, पेयजल लाइनों के क्षतिग्रस्त होने और बिजली आपूर्ति बाधित होने से हालात और चुनौतीपूर्ण हो गए हैं।
सीएम के सख्त निर्देश
सीएम धामी ने राहत और बचाव कार्यों में किसी भी तरह की ढिलाई न बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि प्रभावित गांवों में तुरंत सड़क, बिजली, पेयजल और नेटवर्क सेवाएं बहाल की जाएं। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि सभी प्रभावित परिवारों को भोजन, आश्रय, स्वच्छ पेयजल और अन्य जरूरी सुविधाएं समय पर उपलब्ध कराई जाएं।
स्वास्थ्य सुविधाओं पर जोर
मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्रभावित गांव में पर्याप्त संख्या में चिकित्सक और दवाएं पहुंचाई जाएं ताकि घायलों और बीमार लोगों को तुरंत इलाज मिल सके। साथ ही गंभीर रूप से घायल लोगों को बेहतर अस्पतालों में रेफर कर उचित चिकित्सा उपलब्ध कराई जाए।
पहले दिन से निगरानी
मुख्यमंत्री धामी आपदा की शुरुआत से ही हालात पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि राहत सामग्री समय पर प्रभावित परिवारों तक पहुंचे और कोई भी पीड़ित भूखा या बेघर न रहे। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रभावित इलाकों का दौरा कर अधिकारियों को लोगों की समस्याओं का त्वरित समाधान करना चाहिए।
स्थानीय लोगों की अहम भूमिका
आपदा राहत कार्यों में स्थानीय लोग भी प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं। गांवों के युवा और महिलाएं मलबा हटाने से लेकर प्रभावित परिवारों को मदद पहुंचाने तक हर संभव योगदान दे रहे हैं। ग्रामीणों ने भी मुख्यमंत्री को अपने अनुभव साझा किए और सरकार से शीघ्र पुनर्वास की मांग की।
सरकार का संकल्प
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उनकी सरकार आपदा से प्रभावित हर परिवार को न्याय दिलाएगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि मुआवजे और पुनर्वास की प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भविष्य में ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए स्थायी समाधान की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।
नंदानगर आपदा ने चमोली जिले को गहरी चोट दी है, लेकिन प्रशासन, बचाव दलों और स्थानीय लोगों की मेहनत से हालात धीरे-धीरे सामान्य करने की कोशिशें जारी हैं। सरकार ने साफ किया है कि जब तक अंतिम प्रभावित व्यक्ति को मदद नहीं मिल जाती, राहत कार्य रुकेंगे नहीं।