अतुल्य भारत :
उन्नाव: भारत की महिला टीम ने अंडर-19 टी20 वर्ल्ड कप जीत लिया है. दरअसल, इंडियन अंडर-19 महिला टीम ने रविवार को हुए फाइनल मुकाबले में इंग्लैंड को करारी हार दी। कैप्टन शेफाली की अगुआई में भारत की महिला क्रिकेट टीम ने मुकाबले में बेहतरीन प्रदर्शन किया. कप्तान के अलावा उन्नाव की बेटी अर्चना देवी ने इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल मैच में 3 विकेट लिया। आपको बता दें कि अर्चना देवी ने कड़ी मेहनत के दम पर टीम इंडिया में अपनी जगह बनाई है. आज अर्चना उन्नाव पहुंचीं, जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया। इस मामले में उन्नाव पहुंची क्रिकेटर अर्चना देवी ने जी मीडिया से बातचीत करते हुए बताया की. भारत को अंडर-19 टी20 महिला वर्ल्ड कप दिलाने वाली क्रिकेटर अर्चना देवी ने कहा कि मैं सबसे पहले अपना घर बनवाऊंगी. बता दें कि अर्चना का घर अभी भी कच्चा है, यानी मिट्टी है. उसी कच्चे घर में अर्चना और उनके परिवार के लोग रहते हैं। मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि विश्व कप जीतने के बाद मैं सबसे पहले अपना घर बनाऊंगी. गरीब लोगों को वो सपोर्ट करेंगी। इस दौरान अर्चना ने अपने इस सफर की मंजिल भी बताया. उन्होंने कहा कि सीनियर टीम में जगह बनाना और भारत को जीत दिलाना ही उनकी मंजिल है. हालांकि, के जीवन बहुत संघर्ष भरा रहा है. इस दौरान अर्चना ने संघर्ष के पथ पर साथ देने वालों का धन्यवाद भी किया।
अर्चना ने दिया संदेश
मीडिया से बातचीत करते हुए अर्चना ने बताया कि उनकी मां ने उन्हें काफी सपोर्ट किया है. पूनम गुप्ता मैम उन्हें कानपुर लाई, कपिल सर ने भी उन्हें सपोर्ट किया। इस दौरान अर्चना ने संघर्ष कर रहे युवाओं को संदेश भी दिया. उन्होंने कहा कि मैं यही कहूंगी की उनका परिवार उनको सपोर्ट भी करे, वो जो भी करना चाहते हैं, उसके लिए जी तोड़ मेहनत करें. किसी चीज के पीछे नहीं हटना है। उन्नाव के छोटे से गांव से आती हैं अर्चना
आपको बता दें कि भारत को अंडर-19 टी20 वर्ल्ड कप दिलाने वाले अर्चना उन्नाव के छोटे से गांव से आती हैं. 18 साल की ये खिलाड़ी दाएं हाथ की ऑफ स्पिनर हैं. जब अर्चना चार साल की थीं, तब उनके सिर से पिता का साया उठ गया था. इसके बाद उनकी मां ने गाय का दूध बेचकर और खेती बाड़ी कर उन्हें पाला. पढ़ाने तक के पैसे नहीं थे. इन तमाम अभावों के बावजूद अर्चना ने ये कमाल कर दिखाया।