भारी बारिशः जलभराव के चलते सड़कों पर कीचड़ और फिसलन बनी परेशानी का सबब…

0
21
डेंगू से निपटने को होने लगी फॉगिंग व कीटनाशक का छिडकाव...

हरिद्वार। शनिवार रात से रविवार सुबह तक 24 घंटे में हरिद्वार में 24 एमएम वर्षा दर्ज की गई। जलभराव के चलते सड़कों पर कीचड़ और फिसलन से श्रद्धालुओं के अलावा दुकानदारों को दिक्कतें उठानी पड़ी। उपनगर ज्वालापुर के अलावा हरकी पैड़ी क्षेत्र के विष्णु घाट आदि क्षेत्र में मलबे से आवागमन में परेशानी हुई।
भारी वर्षा से वन विभाग की भूमि को भी काफी नुकसान पहुंचा है। पूर्व में जो बरसाती नाले 40 फीट चैड़े होते थे, वर्षा के तेज प्रवाह से उनका स्वरूप बदलकर डेढ़ सौ फीट से भी ऊपर पहुंच गया है, वहीं वन विभाग की भूमि पर हो रहे अवैध खनन भी भू-कटाव का प्रमुख कारण है। पिछले दिनों आई भारी वर्षा ने जमकर तबाही मचाई थी। वही वर्षा के तेज प्रवाह के चलते वन विभाग की कई बीघा संपत्ति भी पानी की चपेट में आकर जमींदोज हो गई थी। गाजीवाली का सिंबल सोत्र नाला जो पूर्व में 40 फीट चैड़ा हुआ करता था, अब नदी के तेज प्रवाह से उसका स्वरूप डेढ़ सौ फीट करीब चैड़ा हो गया है।
गाजीवाली स्थित इस सिंबल सोत्र नाले में हो रहे भू कटाव के लिए अवैध खनन भी एक प्रमुख कारण है। गांव के भैंसा बुग्गी चालक नाले के दोनों ओर से जमकर अवैध खनन को अंजाम देते हैं, जिस कारण हर वर्षा में जमकर भू कटाव हो रहा है। वहीं क्षेत्र की रवासन नदी का स्वरूप भी काफी हद तक बदल चुका है। यहां मीठीबेरी से सटे रवासन नदी भी काफी हद तक पानी की चपेट में आने से चोडी हो गई है। साथ ही हरिद्वार नजीबाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग के आसपास भी कई स्थानों पर आए दिन भू कटाव होने से वन विभाग की संपत्ति को काफी क्षति हो रही है।

सेब लेकर आ रही पिकअप पलटी, एक की मौत...