
हिंदुस्तान देश में बच्चों के खिलौने और चूर्ण इत्यादि के पैकेटों के साथ मिलने वाले बनावटी नोट एक नए विवाद का कारण बने हुए हैं इन नोटों पर मनोरंजन बैंक का चिन्ह है सबसे बड़ी बात यह है कि इस पर मोहनदास करमचंद गांधी उर्फ़ महात्मा गांधी की फोटो छपी हुई हैं
जो की असली मुद्रा पर महात्मा गांधी की तस्वीर का उपयोग संविधान और कानून के तहत सम्मानजनक प्रतीक के रूप में होता है लेकिन अब महात्मा गांधी की फोटो का प्रयोग इस तरह के मनोरंजन नोटों में होने से कई सामाजिक संगठनों के द्वारा लगातार आपत्ति जताई जा रही है
सब बातों को देखते हुए हरिद्वार के कमल भदोरिया एडवोकेट, चेतन भदोरिया LLB अध्यनरत, व राव मुजीब खान ने अपने अधिवक्ता अरुण भदोरिया एडवोकेट के माध्यम से श्रीमती निर्मला सीतारमण वित्त मंत्री भारत सरकार नई दिल्ली और पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार को कानूनी नोटिस भेज कर 30 दिन के भीतर भीतर उत्तराखंड राज्य व हिंदुस्तान के अन्य राज्यों में भी महात्मा गांधी के फोटो सहित छापने वाले चूर्ण विज्ञापन वाले नोट पर प्रतिबंध लगाते हुए
उक्त फैक्ट्री को सीज करते हुए तत्काल प्रभाव से बंद कराया जाना सुनिश्चित करने के लिए साथ ही वैधानिक कार्रवाई भी सुनिश्चित हो इस संबंध में कानूनी नोटिस भेजा गया है नोटिस में मोहनदास करमचंद गांधी जिनका जन्म 2 अक्टूबर1869 में भारत के पश्चिम उत्तर पर एक तटीय शहर पोरबंदर में हुआ था सन 1948 में उनकी मृत्यु हो गई थी महात्मा गांधी के द्वारा अहिंसा और सत्य का मार्ग अपनाया गया हिंसा का त्याग और सत्य पर डटे रहने का जीवन का आधार बनाया और उन्होंने दिखाया कि बिना हथियार उठा कर भी
अन्य के विरुद्ध संघर्ष किया जा सकता है भारत की आजादी की लड़ाई में महात्मा गांधी का योगदान रहा है, रोलेट एक्ट 1919 के खिलाफ आंदोलन चलाया गया ,सन 1920 से 1922 में असहयोग आंदोलन का महात्मा गांधी ने नेतृत्व किया, सन 1930 में नमक सत्याग्रह दंडी मार्च किया जो अंग्रेजों के खिलाफ एक ऐतिहासिक शांतिपूर्ण आंदोलन था और 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया गया
सामाजिक सुधारो में छुआछूत और जातिवाद के खिलाफ अभियान चलाया गया ,दलितों को हरिजन कहकर सम्मान दिलाने का महात्मा गांधी ने प्रयास किया, इन्हीं कारण से महात्मा गांधी की उपाधि दिया जाना बताया गया है साथ ही नकली नोटों के बारे में₹10 ₹20 ₹50 ₹100 और ₹500 के नोटों में खिलौने व चूर्ण के पैकेट के साथ मुफ्त नोट मिल रहे हैं इन नोटों पर केवल खेल हेतु
या मनोरंजन बैंक जैसे शब्द लिखे हैं लेकिन उक्त फोटो और आकर असली नोटो से काफी मिलते-जुलते हैं जो न केवल बच्चों को असली और नकली नोट में अंतर समझने में भ्रमित कर सकता है और महात्मा गांधी जैसी महान विभूति की गरिमा को चोट पहुंचाकर देशवासियों की भावना को आघात पहुंचा रहा है
हिंदुस्तान के कानून के अनुसार 489 ई आईपीसी के तहत भी यह अपराध बनता है इस धारा में यह भी स्पष्ट है कि चूर्ण विज्ञापन पोस्टर किताब आदि पर असली नोट जैसी छवि छापी जाती है भले ही वह असली मुद्रा ना हो तब भी अपराध होगा इस संबंध में कानूनी नोटिस केंद्र सरकार और राज्य सरकार को भेजा गया है और इस प्रकार के बनावटी नोटों पर जिसकी स्याही बिल्कुल ओरिजिनल नोटों की तरह है रोके जाने और पूर्ण रूप से बंद करने साथी वैधानिक कार्रवाई करने की भी लिखित में मांग की गई है।