। उत्तराखण्ड में मानसून के सक्रिय होते ही सरोवर नगरी नैनीताल में पर्यटकों बड़ी संख्या में गिरावट गिरावट दर्ज की गई है। पहाड़ों में हो रही मूसलाधार बारिश के डर को देखते हुए पर्यटक नैनीताल समेत आसपास के पर्यटक स्थलों का रुख नहीं कर रहा है। जिसके चलते शहर के सभी पर्यटक स्थल वीकेंड के मौके पर वीरान रहे। पर्यटक ओके नहीं डालना आने से छोटे बड़े पर्यटन कारोबारी अब मायूस नजर आ रहे हैं। नाव एसोसिएशन के अध्यक्ष राम सिंह बिष्ट ने बताया इन दिनों लगातार हो रही बारिश के चलते पर्यटकों की संख्या में गिरावट दर्ज हो रही है और पर्यटक इक्का-दुक्का की संख्या में नैनीताल घूमने आ रहा है जिससे उनका काम प्रभावित हुआ है। आमतौर पर पर्यटकों से गुलजार रहने वाले पर्यटक स्थल पहाड़ों में बरसात के दौरान होने वाले भूस्खलन व आपदाओ कि घटना के डर से दिनभर वीरान पड़े रहे जिनसे पर्यटन कारोबारियों निराश नजर आ रहे हैं। शहर में पर्यटकों की आमद ना होने के चलते होटल 80त्न तक खाली हो चुके हैं। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय बिष्ट बताते हैं कि इन दिनों पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बरसात से पर्यटक डरा हुआ है जिसके चलते पर्यटक इन दिनों पहाड़ों में घूमने नहीं आ रहा है जिसका असर पर्यटन कारोबार पर पड़ा है। कुछ दिन पहले जहां पर्यटकों को होटल के कमरों के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी तो वही आज नैनीताल के अधिकांश होटल पूरी तरह से खाली है।नैनीताल आने वाले पर्यटकों की पहली पसंद चिडियाघर हुआ करता है जहां रोजाना करीब एक हजार से अधिक पर्यटक घूमने पहुंचा था। वहीं बरसात के बाद नैनीताल में मात्र 445 पर्यटक चिडियाघर घूमने पहुंचे जबकि बॉटनिकल गार्डन में मात्र 63 और वाटर फॉल में 301 पर्यटक घूमने पहुंचा जबकि नैनीताल की शान कही जाने वाली रोपवे में मात्र 498 पर्यटक शहर की हसीन वादियों सैर सपाटा के लिए पहुंचे थे।
उत्तराखण्ड में मानसून के सक्रिय होते ही सरोवर नगरी नैनीताल में पर्यटकों बड़ी संख्या में गिरावट गिरावट दर्ज की गई है। पहाड़ों में हो रही मूसलाधार बारिश के डर को देखते हुए पर्यटक नैनीताल समेत आसपास के पर्यटक स्थलों का रुख नहीं कर रहा है। जिसके चलते शहर के सभी पर्यटक स्थल वीकेंड के मौके पर वीरान रहे। पर्यटक ओके नहीं डालना आने से छोटे बड़े पर्यटन कारोबारी अब मायूस नजर आ रहे हैं। नाव एसोसिएशन के अध्यक्ष राम सिंह बिष्ट ने बताया इन दिनों लगातार हो रही बारिश के चलते पर्यटकों की संख्या में गिरावट दर्ज हो रही है और पर्यटक इक्का-दुक्का की संख्या में नैनीताल घूमने आ रहा है जिससे उनका काम प्रभावित हुआ है। आमतौर पर पर्यटकों से गुलजार रहने वाले पर्यटक स्थल पहाड़ों में बरसात के दौरान होने वाले भूस्खलन व आपदाओ कि घटना के डर से दिनभर वीरान पड़े रहे जिनसे पर्यटन कारोबारियों निराश नजर आ रहे हैं। शहर में पर्यटकों की आमद ना होने के चलते होटल 80त्न तक खाली हो चुके हैं। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय बिष्ट बताते हैं कि इन दिनों पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बरसात से पर्यटक डरा हुआ है जिसके चलते पर्यटक इन दिनों पहाड़ों में घूमने नहीं आ रहा है जिसका असर पर्यटन कारोबार पर पड़ा है। कुछ दिन पहले जहां पर्यटकों को होटल के कमरों के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी तो वही आज नैनीताल के अधिकांश होटल पूरी तरह से खाली है।नैनीताल आने वाले पर्यटकों की पहली पसंद चिडियाघर हुआ करता है जहां रोजाना करीब एक हजार से अधिक पर्यटक घूमने पहुंचा था। वहीं बरसात के बाद नैनीताल में मात्र 445 पर्यटक चिडियाघर घूमने पहुंचे जबकि बॉटनिकल गार्डन में मात्र 63 और वाटर फॉल में 301 पर्यटक घूमने पहुंचा जबकि नैनीताल की शान कही जाने वाली रोपवे में मात्र 498 पर्यटक शहर की हसीन वादियों सैर सपाटा के लिए पहुंचे थे।