हरित योग: योगाभ्यास के साथ पर्यावरण जागरूकता

हरित योग

योग अभ्यास प्राकृतिक परिवेश में करने से ही लाभकारी होता है। इसीलिए पीपल, वट बृक्ष के नीचे ध्यान आदि के अभ्यास एवं नदी के किनारे, एकांत निर्जन वन में साधना योगाभ्यास की परम्परा रही है।

इसलिए हरित योग अवसर पर संकल्प लें कि हम पर्यावरण को उन्नत करने के लिए एक पेड़ अपनी माँ के नाम अवश्य हो रोपित करेंगे।

यह बात क्षेत्र के विधायक आदेश चौहान ने योग विज्ञान विभाग, गुरुकुल काँगड़ी समविश्वविद्यालय द्वारा एवं मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से आयोजित किए जा रहे हरित योग कार्यक्रम के आयोजन के अवसर पर प्रेम नगर आश्रम गंगा घाट पर कही। उन्होने योग प्रोटोकॉल का अभ्यास भी इस कार्यक्रम में तथा सभी को संकल्प भी दिलाया कि अपने लिए एवं दूसरे के कल्याण के लिए भी तत्पर रहेंगे।

 

इस अवसर पर प्रोफेसर सुनील कुमार जोशी ने कहा कि योगाभ्यास को हमारे जीवन का अंग बना लेना चाहिए। जिस प्रकार मनुष्य को जीने के लिए शुद्ध वायु श्वास लेने के लिए आवश्यक होती है। प्राणायाम तभी सफल हो सकता है जब हम स्वास में शुद्ध वायु ग्रहण करेंगे।

शुद्ध वायु अब अशुद्ध हो चुकी है इसीलिए प्राणायाम के अभ्यास के लिए स्वच्छ पर्यावरण आवश्यक है अतः हरित योग के अवसर पर प्रत्येक मनुष्य को वृक्षारोपण अपने स्तर से कर लेना चाहिए। बढ़ते शहरीकरण से पर्यावरण को क्षति पहुंची है इसलिए हमें प्रयास करना चाहिए कि हमारे घर के गमलों में तुलसी आदि के पोधे होना चाहिए।

 

हरित के अवसर पर प्रेम नगर आश्रम के महात्मा स्वामी हरिसंतोशानन्द ने कहा कि योग और पर्यावरण एक दूसरे के पूरक है। मन शांत होता है गंगा के किनारे, पहाड़, पर्वत कि तलहटी एवं चोटी पर, गिरते हुए झरने को देखकर। इसलिए मन को नियंत्रण में लाने के उपाय योग को प्रकृति के साथ ही उसे सम्पन्न किया है।

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हरित योग के अंतर्गत चल रही कार्यशाला में व्याख्यान देते हुए योग विज्ञान विभाग के संस्थापक सेवानिवृत विभागाध्यक्ष प्रो ईश्वर भारद्वाज ने कहा कि गुरुकुल में दी जाने वाली योग शिक्षा प्राकृतिक वातावरण में ही दी जाती है। गुरुकुल हरा-भरा है क्योंकि प्रकृति के प्रति उसकी सजगता और संवेदनशीलता स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।

 

योग एवं शारीरिक शिक्षा संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. ब्रह्मदेव ने कहा कि योग विज्ञान विभाग द्वारा यह कार्यक्रम किया जाना पर्यावरण के प्रति जागरूकता के लिए मिल का पत्तर सिद्ध होगा में इस अवसर आयोजकों को बधाई देता हूँ।

 

कार्यक्रम के संयोजक डॉ ऊधम सिंह ने कहा कि 11 वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर सम्पूर्ण विश्व में भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा दस सिग्नेचर इवेंट किए जा रहे हैं उनमें एक यह हरित योग का भी कार्यक्रम है।

इस हरित योग कार्यक्रम के अंतर्गत मोती घाट की सफाई एवं वृक्षारोपण का कार्य किया गया। हरित योग विषय पर विद्यार्थियों में पर्यावरणीय चेतना विकसित करने के लिए पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन तथा योग एवं पर्यावरण विषय पर भाषण प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। उन्होने बताया कि 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को योग विज्ञान विभाग, गुरुकुला काँगड़ी समविश्वविद्यालय में मनाया जाएगा।

 

इस अवसर पर योग विज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यम-नियम का पालन करने से स्वतः ही पर्यावरण सुधरने लगेगा। इस कार्यक्रम के अवसर पर डॉ योगेश्वर दत्त ने योगाभ्यास सम्पन्न कराया। गुरुकुल काँगड़ी समविश्वविद्यालय के संयुक्त कुलसचिव देवेंद्र कुमार ने आभार ज्ञापित किया।

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इस अवसर पर पार्षद नागेन्द्र राणा, डॉ राजीव शर्मा, डॉ निष्कर्ष शर्मा, प्रो एम एम तिवारी, डॉ महेंद्र असवाल, डॉ शिवकुमार चौहान, डॉ नितिन कम्बोज, डॉ धर्मेंद्र बालियान, मोहन सिंह, जोगेन्द्र कुमार, ओनित, कार्तिकेय उपस्थित रहे।

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