खराब मौसम बन रहा है रेस्क्यू में बाधक

खराब मौसम बन रहा है रेस्क्यू में बाधक

खराब मौसम बन रहा है रेस्क्यू में बाधक केदारनाथ मार्ग में अभी भी बड़ी संख्या में फंसे हैं श्रद्धालु एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व सेना रेस्क्यू में जुटी रुद्रप्रयाग बाजार से आगे आज फिर भारी भूस्खलन

चमोली। केदारघाटी में बारिश और भारी भूस्खलन के बीच कहां-कहां कितने श्रद्धालु फंसे हुए हैं तथा कितना जान-माल का नुकसान हुआ है इसके बारे में कोई भी पुख्ता जानकारी किसी के पास नहीं है। बस एक बात सही है कि गौरीकुंड, लिनचोली, भीमबली, महाबली सहित अनेक स्थानों पर अभी भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु फंसे हुए हैं जिन्हें वैकल्पिक पैदल मार्ग और वायु सेना के हेलीकॉप्टरों चिनकू और एमआई-17 से निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है।

चमोली के गोचर हवाई पटृी से सेना के हेलीकॉप्टरों द्वारा आज सुबह रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया, लेकिन 13 लोगों को लाने के बाद एमआई-17 आधे रास्ते से ही वापस लौट आया। चर्चा होने लगी की रेस्क्यू अभियान को बंद कर दिया गया है, लेकिन राज्य आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार द्वारा जानकारी दी गई कि रेस्क्यू अभियान बंद नहीं किया गया है बल्कि खराब मौसम के कारण रोका गया है।

उन्होंने बताया कि पैदल मार्गों पर फंसे यात्रियों को एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के जवान रेस्क्यू करने में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि केदारनाथ हाईवे के अलावा अन्य सभी मार्ग खुले हुए हैं।

कहां कितने यात्री फंसे हुए हैं इसकी कोई पुख्ता जानकारी इसलिए नहीं मिल पा रही है क्योंकि संचार सेवा भी ठप हो गई है, लेकिन अभी भी डेढ़ से दो हजार यात्रियों के विभिन्न स्थानों पर फंसे होने की बात कही जा रही है। उधर शुक्रवार सुबह रुद्रप्रयाग बाजार से आगे फिर भारी भूस्खलन की तस्वीर भी सामने आई हुई है। प्रशासन का कहना है कि यात्री फंसे हुए तो है लेकिन सभी सुरक्षित हैं।

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उधर मौसम विभाग द्वारा कहा गया है कि उत्तरकाशी को छोड़कर जहां कि ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, के अलावा पहाड़ पर अन्य स्थानों पर बारिश कम होने की संभावना है जबकि देहरादून, चमोली, बागेश्वर तथा रुद्रप्रयाग के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। केदार घाटी में जब तक रेस्क्यू अभियान पूरा नहीं हो जाता तथा रास्तों को ठीक नहीं कर लिया जाता है तब तक यात्रा को स्थगित रखें जाने की बात कही गई है।

480 यात्रियों को किया गया एयरलिफ्ट

शुक्रवार दोपहर साढ़े 12 बजे तक लिंचोली एवं भीमबली से एयर लिफ्ट कर लगभग 480 यात्रियों को रेस्क्यू कर लिया गया है। वहीं, गौरीकुंड- सोनप्रयाग के बीच लगभग 1500 यात्रियों को सफल रेस्क्यू किया जा चुका है। इसके साथ ही एनडीआरएफ एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा घायल तीर्थ यात्रियों का उपचार किया जा रहा है।

अपर मुख्य अधिकारी केदारनाथ विकास प्राधिकरण योगेंद्र सिंह ने अवगत कराया कि केदारनाथ धाम में मौजूद तीर्थ यात्रियों को सुबह मुख्य हेलीपैड पर पहुंचा दिया गया है। यहीं से एमआई 17 से 15 तीर्थ यात्रियों को रेस्क्यू कर गौचर हैलीपैड ले आया गया है।

खराब मौसम

खराब मौसम बन रहा है रेस्क्यू में बाधक

योगेंद्र सिंह ने बताया कि मौसम खराब होने के कारण एमआई और चिनूक हेलीकॉप्टर अभी उड़ान नहीं भर पा रहे हैं। केदारनाथ में मौजूद करीब 450 तीर्थ यात्रियों को जिला प्रशासन की ओर से लगातार राहत सामग्री, फूड पैकेट्स और भोजन उपलब्ध करवाया गया। वहीं बीकेटीसी द्वारा तीर्थ यात्रियों को फल वितरित किए गए। उन्होंने बताया कि मौसम ठीक होते ही केदारनाथ में मौजूद यात्रियों को रेस्क्यू किया जाएगा।

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जिलाधिकारी ने किया स्थलीय निरीक्षण

उधर, जिलाधिकारी सौरभ गहरवार, पुलिस अधीक्षक विशाखा अशोक भदाणे और मुख्य विकास अधिकारी जीएस खाती सहित अन्य संबंधित अधिकारी सोनप्रयाग-गौरीकुंड मार्ग सहित अन्य प्रभावित क्षेत्रों में स्थलीय निरीक्षण कर रहे हैं। इस दौरान जिलाधिकारी ने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ और अन्य सुरक्षा बलों की हौसलाअफजाई करते हुए सभी तीर्थ यात्रियों का कुशलता के साथ सुरक्षित रेस्क्यू करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही आपदा के चलते क्षेत्र में हुई क्षति का जायजा लेते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने को कहा गया है।

रेस्क्यू ऑपरेशन में मौसम की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। हेलीकॉप्टर उड़ान भरने के लिए मौसम का साफ होना जरूरी है ताकि रेस्क्यू अभियान को सुरक्षित और सफलतापूर्वक अंजाम दिया जा सके। वर्तमान में मौसम खराब होने के कारण ऑपरेशन में विलंब हो रहा है, लेकिन जैसे ही मौसम में सुधार होगा, रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा। इस कठिन परिस्थिति में यात्रियों की सुरक्षा और रेस्क्यू के लिए प्रशासन और सेना के जवान पूरी मुस्तैदी के साथ तैयार हैं। उम्मीद है कि जल्द ही मौसम में सुधार होगा और सभी यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाएगा। तब तक, सभी से अपील है कि वे धैर्य बनाए रखें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।

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