
नई दिल्ली। नेपाल में सोशल मीडिया पर पाबंदी और बढ़ती भ्रष्टाचार के खिलाफ जनरेशन Z के युवा सड़कों पर उतर आए। विरोध प्रदर्शन इतनी तेज़ी से बढ़ा कि सरकार दबाव में आ गई। पहले गृह मंत्री, कृषि मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था, अब नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भी अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है।
प्रधानमंत्री केपी ओली ने आज शाम 6 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाकर स्थिति पर विचार करने की बात कही थी। उन्होंने एक आधिकारिक पत्र में लिखा था कि वह सभी पार्टियों के नेताओं से बात करके एक संतुलित फैसला लाएंगे। साथ ही जनता से शांति और संयम बनाए रखने की अपील भी की थी। लेकिन राजनीतिक संकट और विरोध की तूल पकड़ते ही ओली ने बिना बैठक किए ही अचानक इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया।
नेपाल में सत्ता संकट
नेपाल की राजधानी काठमांडू में प्रदर्शनकारियों ने बड़ी संख्या में संसद भवन के पास प्रदर्शन किया और अपना गुस्सा जाहिर किया। युवा वर्ग ने खास तौर पर सोशल मीडिया प्रतिबंध को गलत बताया और सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाई। देशभर में सैकड़ों युवा सड़कों पर उतरकर लोकतंत्र की रक्षा और जनाधिकार की मांग कर रहे हैं।
इस घटनाक्रम के बाद नेपाल की राजनीति में नई अनिश्चितता की स्थिति बन गई है। अब यह देखना होगा कि नए प्रधानमंत्री के तौर पर कौन कदम आगे बढ़ाएगा और देश में स्थिरता कैसे लौटेगी। आगामी दिनों में राजनीतिक दलों के बीच नई वार्ता और सत्ता का नया समीकरण बनना तय माना जा रहा है।