
आपदा पीड़ितों की मदद
हरिद्वार/थराली।
पिछले दिनों थराली क्षेत्र में आई आपदा ने वहां के लोगों की जिंदगी को हिला कर रख दिया। इस प्राकृतिक आपदा में कई लोगों के घर, दुकानें, खेत और छोटे-छोटे प्रतिष्ठान पूरी तरह नष्ट हो गए। जिन परिवारों ने वर्षों की मेहनत से अपना घर-बार और रोज़गार खड़ा किया था, देखते ही देखते सब कुछ मिट्टी में मिल गया। ऐसे हालात में सबसे बड़ी चुनौती पीड़ित परिवारों के सामने रोज़मर्रा की ज़रूरतों को पूरा करने की है।
इसी मुश्किल घड़ी में हरिद्वार के निर्मल संतपुरा आश्रम गुरुद्वारे ने मानवता का परिचय देते हुए थराली के आपदा पीड़ितों के लिए बड़ी मात्रा में राहत सामग्री भेजी है। राहत सामग्री को रवाना करने के अवसर पर संत जगजीत सिंह शास्त्री ने कहा कि आपदा के बाद वहां के लोग गहरे आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी ओर से सहायता कर रही है, लेकिन केवल सरकारी मदद पर्याप्त नहीं होती। समाज के हर वर्ग को ऐसे समय में आगे आकर सहयोग करना चाहिए।
क्या-क्या भेजी गई राहत सामग्री?
गुरुद्वारे से भेजे गए ट्रक में ज़रूरी सामान भरकर रवाना किया गया है। इसमें मुख्य रूप से आटा, चावल, मसाले, चीनी, साबुन, तेल, बिस्तर, कंबल, फोल्डिंग चारपाई, चायपत्ती और कपड़े शामिल हैं। संत जगजीत सिंह ने बताया कि जरूरत के हिसाब से आगे भी राहत सामग्री भेजी जाएगी ताकि प्रभावित परिवारों की मदद लगातार होती रहे।
कोरोना काल की याद
संत जगजीत सिंह ने इस मौके पर याद दिलाया कि जब कोरोना महामारी का संकट आया था तब भी गुरुद्वारे ने बड़ी भूमिका निभाई थी। उस समय लाखों लोग बेरोजगार हो गए थे और घरों में चूल्हा तक नहीं जल पा रहा था। तब गुरुद्वारे से लगातार भोजन और अन्य जरूरी सामान बांटा गया। उन्होंने कहा कि संकट की घड़ी में इंसान को इंसान की मदद के लिए सबसे पहले खड़ा होना चाहिए। यही असली मानवता है।
आगे पंजाब में भी जाएगी मदद
गुरुद्वारे ने सिर्फ थराली ही नहीं, बल्कि अन्य जगहों पर भी राहत पहुंचाने की योजना बनाई है। आने वाले दिनों में पंजाब के कई हिस्सों में भी खाद्य सामग्री और दवाइयां वितरित की जाएंगी। संतों ने कहा कि यह मुहिम केवल एक क्षेत्र तक सीमित नहीं रहेगी बल्कि जहां-जहां जरूरत होगी, वहां मदद पहुंचाने की कोशिश की जाएगी।
समाज से अपील
इस अवसर पर संतों ने समाज से भी अपील की कि केवल सरकार या संस्थाओं पर निर्भर न रहकर हर व्यक्ति अपनी सामर्थ्य के अनुसार मदद करे। चाहे वह आर्थिक सहायता हो, खाद्य सामग्री हो या फिर ज़रूरत का सामान। छोटी-सी मदद भी किसी पीड़ित परिवार के लिए बड़ी राहत बन सकती है।
कार्यक्रम में शामिल रहे लोग
राहत सामग्री को रवाना करने के दौरान कई संत और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे। इनमें संत तरलोचन सिंह, संत मंजीत सिंह, संत बलजिंदर सिंह शास्त्री, ज्ञानी पंकज सिंह, चेतन शर्मा, दयाल सिंह और करन सिंह प्रमुख थे। सभी ने मिलकर ट्रक को रवाना किया और एक-दूसरे से यह वादा किया कि यह सहयोग भविष्य में भी जारी रहेगा।
मानवता की मिसाल
इस पूरी पहल ने एक बार फिर यह साबित किया कि संकट की घड़ी में धर्मस्थल और सामाजिक संगठन किस तरह से सबसे आगे बढ़कर मदद करते हैं। गुरुद्वारे की ओर से दी गई राहत सामग्री केवल सामान ही नहीं, बल्कि उन परिवारों के लिए उम्मीद और सहारा भी है जो आपदा से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।