गांधीनगर। केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने घोषणा की है कि ‘सहकार टैक्सी’ आने वाले सालों में देश की सबसे बड़ी सहकारी टैक्सी कंपनी बन जाएगी। उन्होंने कहा कि यह पहल देश के सहकारिता क्षेत्र को मज़बूत करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न का हिस्सा है, जिसके केंद्र में गांवों का विकास है।
सहकार टैक्सी: ड्राइवरों को मिलेगा पूरा किराया
-
उद्देश्य: सहकारिता मंत्रालय की इस पहल का लक्ष्य टैक्सी ड्राइवरों को ज़ीरो कमीशन पर सेवाएँ प्रदान करना है, जिससे उन्हें अपनी कमाई का पूरा हिस्सा मिल सके।
-
मौजूदा आँकड़े: ट्रायल चरण में 51,000 से ज़्यादा ड्राइवर पहले ही इसमें पंजीकरण करा चुके हैं।
-
बड़ा लक्ष्य: शाह ने विश्वास जताया कि यह पहल जल्द ही देश की सबसे बड़ी सहकारी टैक्सी सेवा के रूप में उभरेगी।
देश के हर गाँव में सहकारी संस्था और 50 करोड़ सदस्य
अमित शाह ने सहकारिता क्षेत्र के लिए एक विशाल योजना का अनावरण किया:
-
हर पंचायत में सहकारी संस्था: सरकार ने तय किया है कि आने वाले वर्षों में देश की हर पंचायत में एक सहकारी संस्था स्थापित की जाएगी।
-
50 करोड़ सदस्य: इस पहल के ज़रिए 50 करोड़ से अधिक सक्रिय सदस्य बनाने का लक्ष्य है।
-
GDP में योगदान: सहकारिता क्षेत्र का योगदान वर्तमान स्तर से बढ़ाकर देश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में किया जाएगा।

ग्रामीण बैंकों को मिलेगी आधुनिक टेक्नोलॉजी
ग्रामीण विकास को गति देने के लिए बैंकिंग क्षेत्र में बड़े बदलाव किए जा रहे हैं:
-
एक तकनीक छतरी: सभी ज़िला केंद्रीय, राज्य, कृषि और शहरी सहकारी बैंक अब एक सिंगल टेक्नोलॉजी अंब्रेला (एक तकनीक छतरी) के तहत लाए जाएंगे।
-
सहकार सारथी: नाबार्ड (NABARD) ने ‘सहकार सारथी’ के माध्यम से सभी ग्रामीण बैंकों को 13 से अधिक डिजिटल सेवाएँ मुफ्त में उपलब्ध कराई हैं, जिससे छोटे बैंक भी आधुनिक तकनीक का खर्च उठाए बिना काम कर सकेंगे।
-
किसानों को लाभ: RBI के सहयोग से एक मज़बूत बैंकिंग ढाँचा विकसित हो रहा है। शाह ने कहा कि जल्द ही ई-केसीसी (e-KCC) रखने वाले किसान को हाई-एंड इंटरनेशनल क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाएँ मिलेंगी।
ऑर्गेनिक खेती और निर्यात पर ज़ोर
-
49 लाख किसान: लगभग 49 लाख किसान अब प्रमाणित जैविक उत्पादन में लगे हुए हैं, और 40 से ज़्यादा जैविक उत्पाद ऑनलाइन उपलब्ध हैं।
-
राष्ट्रीय लैब नेटवर्क: भारत ऑर्गेनिक्स और अमूल के सहयोग से एक राष्ट्रीय लैब नेटवर्क स्थापित किया जा रहा है।
-
वैश्विक लक्ष्य: 2035 तक वैश्विक जैविक बाज़ार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने का लक्ष्य है। मल्टी-स्टेट सहकारी समितियाँ सीधे किसानों से उत्पाद खरीदकर, परीक्षण करके और उन्हें निर्यात करके लाभ सीधे किसानों के खाते में पहुँचाएँगी।
























