
नेपाल की जेल से फरार
पिथौरागढ़। नेपाल में हाल ही में हुए जनरेशन Z आंदोलन के दौरान जेल तोड़कर फरार हुए चार कुख्यात अपराधियों को भारत के उत्तराखंड पिथौरागढ़ जिले में सीमा पर तैनात एसएसबी (सीमा सुरक्षा बल) ने गिरफ्तार कर लिया है। ये चारों नेपाल से रबर ट्यूब के जरिए काली नदी पार कर भारत के देवताल क्षेत्र में पहुंचे थे। सूचना मिलने पर एसएसबी की टीम ने इन्हें रात लगभग 11 बजे दबोच लिया।
एसएसबी और स्थानीय पुलिस टीम ने इन चारों से गहन पूछताछ शुरू कर दी है। उनका मकसद यह पता लगाना है कि ये अपराधी भारत में क्यों और किस उद्देश्य से आए हैं। प्रारंभिक जांच में चारों ने स्वीकार किया कि वे नेपाल की जेल से फरार हुए हैं। पकड़े गए आरोपियों की पहचान धर्मेंद्र चंद (पंचेश्वर गांव), तर्कराम लुहार (बैतड़ी), सूरज साऊद (बेलडाडी, जिला कंचनपुर) और आशिक पहरी (पाटन) के तौर पर हुई है।
जानकारी के अनुसार, धर्मेंद्र, तर्कराम और सूरज पर दुराचार के मामले दर्ज हैं और इन सभी को अलग-अलग मामलों में 10 से 18 वर्षों की सजा सुनाई गई थी। वहीं, चौथे आरोपी आशिक पहरी पर हत्या का मुकदमा चल रहा था। एसएसबी ने नेपाल पुलिस को भी इस मामले में सूचित किया, जिसके बाद प्राप्त सूची से इन चारों का मिलान किया गया।
एसएसबी की 55वीं वाहिनी के जवान सीमा पर रात्रि गश्त पर थे, तभी उन्हें संदिग्ध गतिविधि दिखाई दी। ये चारों रबर ट्यूब में सवार होकर नदी पार कर रहे थे। उन्हें रोककर जांच की गई और उनके बयान दर्ज किए गए। पुलिस और एसएसबी की संयुक्त टीम ने अपराधियों से उनकी भारत में प्रवेश की वजह को समझने की कोशिश की।
आवश्यक जांच-पड़ताल और क़ानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद इन चारों अपराधियों को नेपाल पुलिस के हवाले किया जाएगा। इस मामले को लेकर एसएसबी ने साफ किया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना भारतीय सीमा सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है। साथ ही इससे यह भी संदेश जाता है कि सीमाओं पर कड़ी निगरानी बरती जा रही है ताकि अपराधियों की गतिविधियों पर पूरी तरह से नियंत्रण रखा जा सके।