
उपराष्ट्रपति चुनाव 2025
भारत में उपराष्ट्रपति पद के लिए आज विशेष दिन है। संसद के दोनों सदनों के कुल 781 सांसद अपना मताधिकार उपयोग कर रहे हैं। इस महत्वपूर्ण चुनाव में 68 वर्षीय एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन और 79 वर्षीय विपक्ष के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी आमने-सामने हैं। आज मंगलवार को सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक मतदान प्रक्रिया जारी रहेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सबसे पहले वोट डालकर इस चुनाव का शुभारंभ किया। इस समय देश की नजरें इस बड़े लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर टिकी हुई हैं। देशभर के राजनीतिक दल, नेता, और आम जनता बड़ी दिलचस्पी से उपराष्ट्रपति पद के इस चुनाव पर निगाहें बनाए हुए हैं।
मुख्य उम्मीदवार और उनका समर्थन
एनडीए ने इस बार अपने उम्मीदवार के रूप में 68 वर्षीय अनुभवी राजनेता सीपी राधाकृष्णन को चुना है। दूसरी तरफ, विपक्षी गठबंधन INDIA ने 79 वर्षीय बी सुदर्शन रेड्डी को अपना प्रत्याशी बनाया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि दोनों उम्मीदवार अपने-अपने क्षेत्र में अनुभवी और समझदार नेता हैं, जिनके पास वर्षों की राजनीति और प्रशासनिक अनुभव है।
वोटिंग के लिए कुल 781 सांसद हिस्सा लेंगे, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदन शामिल हैं। चूंकि उपराष्ट्रपति का चुनाव गुप्त मतदान के जरिये होता है, इसलिए हर सांसद पूरी आज़ादी से अपने मत का प्रयोग कर सकता है। इससे यह संभावना बनती है कि क्रॉस वोटिंग भी हो सकती है, जो नतीजों पर असर डाल सकती है।
अगर सभी सांसद पार्टी लाइन के अनुसार वोट करें, तो एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को 422 वोट मिलने की संभावना है, जबकि बी सुदर्शन रेड्डी के पक्ष में 319 वोट आएंगे। इस हिसाब से राधाकृष्णन की जीत लगभग तय मानी जा रही है, लेकिन राजनीति में कुछ भी निश्चित नहीं कहा जा सकता।
कई पार्टियों ने किनारा किया
इस बार कुछ प्रमुख पार्टियों ने उपराष्ट्रपति चुनाव में भाग नहीं लेने का फैसला किया है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की पार्टी बीआरएस (BRS) और ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी (BJD) ने किसी भी पक्ष का समर्थन न करने की घोषणा की है। बीआरएस के पास राज्यसभा में 4 सांसद और बीजेडी के पास 7 सांसद हैं। इन पार्टियों ने साफ कहा है कि वे किसी गठबंधन के तहत काम नहीं करेंगी।
इसके अलावा पंजाब की शिरोमणि अकाली दल ने भी वोटिंग में हिस्सा न लेने का फैसला किया। अकाली दल ने यह कदम पंजाब में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए उठाया है। उन्होंने कहा कि फिलहाल वे राज्य की स्थिति को प्राथमिकता देंगे, इसलिए इस चुनाव में भाग नहीं लेंगे।
AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने यह स्पष्ट किया कि वे विपक्षी गठबंधन के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी का समर्थन करेंगे। वहीं YSR कांग्रेस पार्टी के 11 सांसदों ने एनडीए के उम्मीदवार राधाकृष्णन के पक्ष में मतदान करने का निर्णय लिया है।
पद रिक्त होने की वजह
यह उपराष्ट्रपति चुनाव इसलिए भी खास है क्योंकि मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को अचानक स्वास्थ्य खराब होने का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था। उनका कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था, लेकिन उन्होंने अचानक पद से इस्तीफा देकर राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बना दिया। अब नए उपराष्ट्रपति के चयन से यह खाली पद भर जाएगा।
वोटिंग प्रक्रिया और आगे का रोडमैप
उपराष्ट्रपति पद के लिए मतदान गुप्त होता है। इसलिए व्हिप जारी नहीं किया जाता। सांसद अपनी मर्जी से वोट डालते हैं। इस कारण चुनाव में एक नया रोमांच बना रहता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले वोट डालकर इस लोकतांत्रिक प्रक्रिया को महत्व दिया।
वोट डालने की प्रक्रिया शाम 5 बजे तक चलेगी। उसके बाद शाम 6 बजे से वोटों की गिनती शुरू होगी। चुनाव आयोग द्वारा इस पूरी प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ कराया जा रहा है। चुनाव के परिणाम शाम को ही आ जाने की संभावना है।
नतीजों पर सबकी नजरें
इस चुनाव का परिणाम आने के बाद नया उपराष्ट्रपति संसद का हिस्सा बनकर देश के लोकतंत्र को और मजबूत करेगा। वर्तमान समय में राजनीतिक माहौल में हलचल बनी हुई है। विपक्ष और गठबंधन दल अपनी रणनीति के तहत हर संभव कोशिश कर रहे हैं ताकि अपने उम्मीदवार को जिताया जा सके।
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि एनडीए उम्मीदवार की जीत की संभावना अधिक है, लेकिन चूंकि मतदान गुप्त होता है, इसलिए क्रॉस वोटिंग का खेल समीकरण बदल सकता है। वहीं विपक्ष भी पूरी ताकत से अपने उम्मीदवार को जिताने का प्रयास कर रहा है।
आज शाम जब परिणाम सामने आएंगे, तो देशभर में राजनीतिक हलकों में नए चर्चाओं की शुरुआत होगी। नए उपराष्ट्रपति का नाम तय होने के बाद वे तत्काल ही अपनी नई जिम्मेदारी निभाना शुरू करेंगे।