उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ,ऋतु खण्डूडी भूषण ने हिमालय दिवस पर “हिमालय एक चिंतन व समाधान” विचार गोष्ठी में किया प्रतिभाग ।

देहरादून 8 सितंबर 2024। उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष, ऋतु खण्डूडी भूषण ने हिमालय दिवस की पूर्व संध्या पर उत्तराञ्चल उत्थान परिषद् द्वारा आयोजित “हिमालय एक चिंतन व समाधान” विचार गोष्ठी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। यह कार्यक्रम देहरादून स्थित आई०आर०डी०टी० सभागार में सम्पन्न हुआ।

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य हिमालय क्षेत्र के पर्यावरणीय, सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर गहन चर्चा और समाधान के उपायों पर ध्यान केंद्रित करना था। सभा में विभिन्न विशेषज्ञों, पर्यावरणविदों और समाजसेवियों ने अपने विचार प्रस्तुत किए और हिमालय क्षेत्र की सुरक्षा और विकास के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया।

ऋतु खण्डूडी भूषण ने अपने भाषण में हिमालय की महत्वपूर्ण भूमिका और इसके पारिस्थितिकी तंत्र की संवेदनशीलता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “हिमालय केवल उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि संपूर्ण देश और विश्व के लिए एक महत्वपूर्ण पारिस्थितिक तंत्र है। इसकी समृद्धि और सुरक्षा का सीधा संबंध न केवल हमारे पर्यावरण से है, बल्कि हमारे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत से भी है। यह पर्वत श्रृंखला हमें जीवनदायिनी जल, स्वच्छ वायु और प्राकृतिक संसाधनों की आपूर्ति करती है, इसलिए इसके संरक्षण के प्रति हमारी जिम्मेदारी बढ़ जाती है ।

ऋतु खण्डूड़ी भूषण ने हिमालय क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन, वनस्पति क्षति, और पारिस्थितिकी असंतुलन के प्रभावों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने पर्यावरणीय शिक्षा और जन जागरूकता के महत्व पर जोर देते हुए सुझाव दिया कि हम सब मिलकर इस क्षेत्र के विकास और संरक्षण के लिए ठोस योजनाओं को अमल में लाएं।

विशिष्ट अतिथि पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी, ने हिमालय का धार्मिक साहित्य व कालिदास के कुमारसम्भव में वर्णन का उल्लेख किया । विषय विषेयज्ञों मे डा०मोहन पंवार विभागाध्यक्ष भूगोल विभाग हे०न०ब०विश्वविधालय श्रीनगर ने ,हिमालय की नवीन पर्वत श्रृंखला है जिसमें अभी शौध अनुसंधान की आवश्यकता है ।

See also  कृषि मंत्री गणेश जोशी ने देहरादून में 6 दिवसीय सिल्क एक्सपो का किया शुभारम्भ।

दून विश्वविद्यालय की कुलपती सुरेखा डंगवाल ने कहा कि हिमालय को समझने के लिए हमें सामान्य ग्रामीण महिलाओं से सिखने की आवश्कता है । कर्नल अजय कोठियाल ने आपदा के समय स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण देकर आपदा प्रबन्धन के कार्य में लगाया जा सकता है यूसर्क के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा०भावतेश शर्मा विचार व्यक्त करते हूए कहा कि पर्यावरण संरक्षण से ही हिमालय सुरक्षित रखा जा सकता है

इस अवसर पर परिषद् के महामंत्री राजेश थपलियाल नेउत्तराञ्चल उत्थान परिषद के कार्यों का उल्लेख किया व अन्य वक्ताओं ने भी हिमालय की सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव, sustainable विकास के तरीकों पर अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम ने इस क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं पर एक व्यापक विचार-विमर्श को प्रोत्साहित किया और भविष्य में इसके संरक्षण के लिए आवश्यक कदम उठाने की दिशा में एक नई सोच को जन्म दिया।
कार्यक्रम का समापन पर उपस्थित लोगों को हिमालय की समृद्धि और सुरक्षा के लिए मा०विधानसभा अध्यक्ष ने प्रतिज्ञा करवा कर संकल्प को दोहराया ।

इस अवसर पर प्रेम बडा़कोटी, विभाग प्रचारक धनजय, नीरज मित्तल , आनन्द सिंह रावत, नरेश कुलाश्री, डी०एन०उनियाल विपुल जोशी, दयानन्द चन्दोला,सुरेन्द्र मित्तल , अभिषेक बोड़ाई ऊषा रावत राकेश सिंह ,मदन सिंह नेगी , प्रवीण मंमगाई, प्रकाश कुंमाई आदि उपस्थित रहे कार्यक्रम का संचालन यशोदानन्द कोठियाल व राजेश थपलियाल ने किया ।

Posted In :

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *